IIT मद्रास ने अपने सबसे बड़े स्टूडेंट हॉस्टल का उद्घाटन किया है, जिसमें 1,200 छात्र रह सकते हैं. इसका नाम ‘मंदाकिनी’ हॉस्टल है. इमारत का निर्माण एक पुराने छात्रावास की इमारत को ध्वस्त करने के बाद कुल 146.75 करोड़ की लागत से किया गया है. IIT मद्रास कैंपस के सभी छात्रावासों का नाम भारतीय नदियों के नाम पर रखा गया है. छात्रावास के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कई विशेषताएं हैं जो इसे इको फ्रेंडली भी बनाती हैं.
क्या हैं इमारत की खास बातें
10 मंजिला और 32,180 वर्ग मीटर के क्षेत्र में निर्मित इस अत्याधुनिक इमारत को 4-स्टार रेटिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो ‘ग्रीन बिल्डिंग’ के लिए एक राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली है. हॉस्टल की ऊर्जा खपत को कम करने के लिए सौर ऊर्जा पैनल और सौर गर्म पानी की तकनीक को अपनाया गया है. हॉस्टल के अंदर रेन वाटर रिचार्ज पिट भी बनाए गए हैं. मौजूदा पेड़ों को बरकरार रखा गया है और उनका प्रत्यारोपण किया गया है. शौचालयों के लिए यांत्रिक वेंटिलेशन प्रदान किया जाता है. जमीन और छत दोनों के वर्षा जल का कंर्जवेशन किया जाएगा और पीने योग्य पानी की खपत के लिए इसे पुन: उपयोग किया जाएगा.
छात्रों की जरूरतों का रखा गया है ध्यान
इमारत को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि प्रत्येक गलियारे और प्रत्येक कमरे में पर्याप्त रोशनी आती है. छात्रों के कैज़ुअल रिलेक्सेशन के लिए छत के स्तर पर ट्रांस्पैरेंट लाइस रूफिंग की गई है. छात्रावास में 700 से अधिक कमरे, चार बैडमिंटन कोर्ट, दो ऑडिटोरियम, एक फिटनेस सेंटर और बहुत कुछ है. सेंट्रल कोर्टयार्ड में बास्केटबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट और नेट के साथ क्रिकेट अभ्यास पिच जैसी खेल सुविधाओं के अलावा विश्राम के लिए एक प्राकृतिक स्थान भी है
हॉस्टल के कुछ अनूठे पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, इंजीनियरिंग यूनिट के चेयरमैन, प्रोफेसर एसए सन्नासिराज ने कहा, “हॉस्टल पिछले 2 वर्षों में कोरोना महामारी के बावजूद बिना किसी देरी के बनाया गया है और यह छात्रों की सभी जरूरी जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.”
विकलांगों के अनुकूल है छात्रावास
छात्रावास की संरचना PwD (विकलांग व्यक्ति) फ्रेंडली है और इसमें 10 विशेष PwD आवास भी हैं. पूरी इमारत में सीढ़ी, रैंप और लिफ्ट्स को PwD के अनुकूल बनाया गया है. अटैच्ड वॉशरूम के साथ पीडब्ल्यूडी कमरे भी बनाए गए हैं.