सौर ऊर्जा को अब किसी परिचय की जरूरत नहीं है। गुरुग्राम के चन्दू बूढेडाे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया जायेगा।

गुरुग्राम के चन्दू बूढेडाे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट उत्तर भारत का सबसे पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट है। यह प्लांट के 1 एकड़ में बने हुए टैंकर में तेराया जायेगा। सोलर प्लांट खाली जमीन पर लगाए जाते हैं और कई एकड़ जमीन की जरूरत होती है। अधिकारियों का दावा है कि यह उत्तर भारत का पहला फ्लोटिग सोलर प्लांट होगा। गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी (जीएमडीए) द्वारा प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है।

कोर प्लानिंग सेल की बैठक में प्रोजेक्ट की चर्चा हो चुकी है। यह बैठक 23 डिसेंबर को की गई थी। जीएमडीए के अधिकारियों के मुताबिक हरियाणा अक्षय ऊर्जा विभाग से भी इस बारे में सलाह ली गई है। किसी एजेंसी के माध्यम से प्लांट लगाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी।

300 एमएलडी है क्षमता चंदू बुढेड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 300 एमएलडी है और शहर में यहां से रोजाना पेयजल आपूर्ति होती है। इस प्लांट में 100-100 एमएलडी क्षमता के तीन बड़े खुले टैंक बने हुए हैं। तीन और टैंक का निर्माण कार्य चल रहा है। प्लांट के टैंकों में तैरते हुए सोलर पैनल लगेंगे। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के टैंकों के साइज के आधार पर कितने मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जा सकता है, इसका आंकलन किया जा रहा है।

जगह की कमी है, जमीं की कीमत बहुत अधिक है और ट्रीटमेंट प्लांट का सदुपयोग हो सके इसीलिए ये सोलर प्लांट लगाया जा रहा है। बसई में भी जीएमडीए का दूसरा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है। बाद में यहां पर भी फ्लोटिग सोलर प्लांट लगाया जा सकता है।

एनटीपीसी लगा चुका है 25 मेगावाट का सोलर प्लांट नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड द्वारा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सिम्हाद्री थर्मल स्टेशन के जलाशय पर देश के सबसे बड़े 25 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिग सोलर पावर प्लांट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है। मध्यप्रदेश में भी एक ऐसे ही सोलर प्लांट का स्थापित करने कार्य शुरू किया जा चुका है।